भाग 1 : अम्बाला से ओंकारेश्वर
भाग 2 : ओंकारेश्वर दर्शन
ओंकारेश्वर बस स्टैंड पहुँच कर हम सीधा मंदिर की तरफ चल दिए। बस स्टैंड से सीधा ओंकारेश्वर की और चलते हुए हम नए पुल पर पहुँच गए। ओंकारेश्वर जाने के लिए नर्मदा नदी पर दो पुल हैं। पुराने पुल से जाओ तो मंदिर बाएं तरफ पड़ता है और नए पुल से जाओ तो मंदिर दायें तरफ पड़ता है। तेज धूप और गर्मी ज्यादा होने के कारण नहाने की तीव्र इच्छा हो रही थी और आज सुबह से हम नहाए भी नहीं थे। नहाने के लिए नर्मदा के तट पर पुल के दोनों तरफ घाट बने हुए हैं। दायें तरफ मंदिर के नजदीक बने हुए घाट पर भीड़ ज्यादा थी। इसलिये हम पुल पार करने के बाद बाएं तरफ बने घाट पर चले गए जहाँ भीड़ बिलकुल नहीं थी। नर्मदा का पानी साफ़ देखकर खुशी भी हुई और हैरानी भी। हैरानी इसलिये कि यदि नर्मदा का पानी इतना साफ़ हो सकता है तो गगां- जमुना का कयों नहीं ?
भाग 2 : ओंकारेश्वर दर्शन
ओंकारेश्वर बस स्टैंड पहुँच कर हम सीधा मंदिर की तरफ चल दिए। बस स्टैंड से सीधा ओंकारेश्वर की और चलते हुए हम नए पुल पर पहुँच गए। ओंकारेश्वर जाने के लिए नर्मदा नदी पर दो पुल हैं। पुराने पुल से जाओ तो मंदिर बाएं तरफ पड़ता है और नए पुल से जाओ तो मंदिर दायें तरफ पड़ता है। तेज धूप और गर्मी ज्यादा होने के कारण नहाने की तीव्र इच्छा हो रही थी और आज सुबह से हम नहाए भी नहीं थे। नहाने के लिए नर्मदा के तट पर पुल के दोनों तरफ घाट बने हुए हैं। दायें तरफ मंदिर के नजदीक बने हुए घाट पर भीड़ ज्यादा थी। इसलिये हम पुल पार करने के बाद बाएं तरफ बने घाट पर चले गए जहाँ भीड़ बिलकुल नहीं थी। नर्मदा का पानी साफ़ देखकर खुशी भी हुई और हैरानी भी। हैरानी इसलिये कि यदि नर्मदा का पानी इतना साफ़ हो सकता है तो गगां- जमुना का कयों नहीं ?
नहाने के बाद हम तैयार होकर मन्दिर की ओर चल दिये। मन्दिर से पहले, रास्ते में बहुत से स्थानीय लोग फ़ूल व प्रशाद बेचने के लिये मौजूद थे। इनमे भी ज्यादतर औरतें ही थी। ऐसी ही एक दुकान से हमने भी फ़ूल व प्रशाद ले लिये और अपने बैग व जुते वहीँ रख दिये। मन्दिर के बाहर काफ़ी भीड़ थी लेकिन भीड़ को सम्भालने के लिये कोई व्यवस्था नहीं थी। कोई लाइन का सिस्टम भी नहीं था। 10-12 फ़ुट चोड़ा रास्ता है जिससे आगे चलने के साथ-साथ उपर भी चड़ना पड़ता है। भीड़ में काफ़ी धक्के लग रहे थे। ज्यादा भीड़ में यहाँ भगदड़ मच सकती है। प्रशासन को यहाँ पर भगदड़ से बचने के लिये जरुरी उपाय करने चाहियें ।
ओंकारेश्वर मन्दिर |