ज्योतिर्लिंग

हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार भगवान शिव जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। ये संख्या में 12 है। हिंदुओं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है।

1.       सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ ज्योतिर्लिंग 
3.       उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल ज्योतिर्लिंग
5.       परली में वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
6.       डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर ज्योतिर्लिंग
8.       दारुकावन में श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग
9.       वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
10.   गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
11.   हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ ज्योतिर्लिंग


सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥

॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति संपूर्णम्‌ ॥


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