Thursday 23 February 2017

Manimahesh Yatra- Part 5 .Return Journey from Manimahesh

मणि महेश कैलाश यात्रा-5 ( मणिमहेश-हडसर- भरमौर- पठानकोट ) 

पिछले भाग से आगे ....
पथरीला रास्ता और घना जंगल; ऊपर से कृष्ण पक्ष की  काली रात। डर लगना स्वाभाविक था लेकिन मुझे अपने से आगे और पीछे ,दोनों जगह से, किसी के चलने और बोलने की आवाज आ रही थी- मतलब और यात्री भी आगे पीछे हैं। इसी बात का होंसला था। मैंने तेजी से चलकर आगे वाले ग्रुप के साथ होना चाहता था लेकिन वो भी तेज चल रहे थे । फिर भी थोड़ी देर में मैंने उनको पकड़ लिया और उनके साथ ही हो लिया । उनका साथ मिल जाने से भय निकल गया । वे तीन लड़के थे और तीनो पंजाब से बाइक पर आये थे । कल रात वे जाते हुए धन्छो में रुके थे और आज दर्शन के बाद वापिस लौट रहे थे । वे भी मेरी तरह बुरी तरह थके हुए थे।

Thursday 16 February 2017

Manimahesh Yatra- Part 4 :Darshan of Holy Lake ,Kailash and Return Journey

                                                     Manimahesh Yatra 
मणि महेश कैलाश यात्रा-1
मणि महेश कैलाश यात्रा-4 (मणिमहेश से वापसी )

पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा की मैं लगभग 2:30 बजे मणिमहेश पहुँच गया था लेकिन भारी बारिश शुरू हो जाने से मैं झील से थोड़ा पहले बने एक कंक्रीट के निर्माण के नीचे सुरक्षित स्थान पर चला गया और वहाँ बैठने की जगह न होने के कारण खड़े खड़े ही बारिश रुकने का इंतजार करने लगा । एक ही जगह काफी देर स्थिर खड़े रहने से मुझे ठण्ड लगने लगी और हाथ सुन्न होने लगे।


Thursday 9 February 2017

Manimahesh Yatra -Part 3 (Hadsar-Dhanchho-Gaurikund-Manimahesh

                                                            Manimahesh Yatra 

मणि महेश कैलाश यात्रा-3 (हडसर-धन्छो-गौरीकुंड-मणिमहेश) 
   
सुबह 5 बजे अलार्म की आवाज सुनकर उठा । अच्छी नींद के साथ ही सारी थकावट दूर हो चुकी थी । नहाने का काम तो रात को ही निपटा दिया था, बाकि काम 10 मिनट में निपटा कर मुंह हाथ धोया और तैयार हो गया । एक छोटा पिठू बैग ट्रैकिंग के लिए तैयार किया , जिसमे एक रेन कोट , एक टोर्च और हल्का खाने पीने  का सामान । इस समय यहाँ काफ़ी ठंड थी इसलिए गर्म कपड़े मैंने पहन ही लिए थे । बाकी जो भी सामान बचा था उसे एक बैग में रखकर बैग उसी कमरे में रख दिया और सुबह 5:30 से पहले ही मैंने रूम छोड़ दिया और नीचे मुख्य सड़क पर आ गया ।

Saturday 4 February 2017

Manimahesh Kailash Yatra- Part 2 -Pathankot-Chamba- Bharmour-Hadsar

मणि महेश कैलाश यात्रा-2 ( Manimahesh Yatra )

मणि महेश कैलाश यात्रा-2 ( पठानकोट-चम्बा-भरमौर–हडसर ) 

पठानकोट से चम्बा की दुरी लगभग 125  किलोमीटर है। लगभग पूरा रास्ता पहाड़ी है । बस में 160  रुपये की टिकेट लगी । टिकेट के पीछे दुरी 130  किलोमीटर लिखी थी । शायद बस का रूट कुछ अलग हो ,बाइपास वगैरह से । बस  धार कलां , भात्वान और बनीखेत होते हुए गयी । बनीखेत से ही दायें  तरफ डलहौजी की सडक कटती है । यहाँ से डलहौजी मात्र 8 किलोमीटर की दुरी पर है जबकि चम्बा 45 किलोमीटर दूर है । यहाँ तक खूब बारिश मिली, मौसम भी एकदम सुहावना बना हुआ था लेकिन मेरे लिए बस का सफ़र आरामदायक नहीं रहा , पुरे रास्ते खाली पेट होने से  और नींद के कारण परेशान रहा । पहाड़ी रास्ता होने के कारण जी अलग मिचलाने लगा । बैग में परांठे पैक किये हुए रखे थे लेकिन खाने की बिलकुल भी इच्छा नहीं थी । मालूम था अगर कुछ  भी खा लिया तो तुरंत मुंह से ही वापिस निकालना पड़ेगा । रास्ते में एक जगह चाय नाश्ते के लिए बस रुकी । यहाँ मैंने नीबूं सोडा ही लिया , इसके बाद मेरी तबियत में हल्का सा सुधार आया ।

हडसर से दिखता हिमालय