कमरुनाग यात्रा- हिमाचल
शिकारी देवी की
यात्रा के बाद हम लोग वापिस जन्जैहली आ गए और
बिना रुके थुनाग, बगस्याड और कांडा होते हुए चैल-चौक
पहुँच गए । यहाँ एक टी-ब्रेक के बाद अपनी अगली मंजिल रोहांडा की तरफ चल दिए। चैल-चौक
से रोहांडा लगभग 28 किलोमीटर दूर है और सड़क शानदार बनी हुई है । शाम लगभग 4:30 बजे
हम रोहांडा पहुँच गये । रोहांडा एक छोटा सा गाँव है और सुंदरनगर से करसोग आने-
जाने वाली बसों का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है । कार एक साइड में खड़ी कर हम जगह का
जायजा करने के लिए नीचे उतर आये । दायें हाथ पर ऊपर की तरफ मुझे एक फारेस्ट गेस्ट
हाउस का बोर्ड दिखाई दिया। अभी कुछ सप्ताह पहले ही हम दोनों चकराता के पास घने वन
के बीचों-बीच एक शानदार लोकेशन पर बने बुधेर फारेस्ट हाउस में रुके थे इसलिए
फारेस्ट हाउस का बोर्ड देखकर कदम रुक नहीं पाए और मैं उस तरफ कमरे के बारे में पूछने
के लिए चल दिया और सुखविंदर सामने गुप्ता ढाबे की तरफ सिगरेट की तलाश में।
देव कमरुनाग मंदिर |