Thursday, 22 September 2016

पराशर झील और बिजली महादेव यात्रा --पार्ट 2

लगभग पौने नौ बजे हम पराशर से अपनी अगली मंजिल बिजली महादेव की ओर चल दिए । कल जाते हुए तो अँधेरे के कारण सुन्दर दृश्य नहीं देख पाए थे लेकिन आज दिन के उजाले में चारो तरफ सुन्दरता ही नज़र आ रही थी । सड़क देवदार के घने जंगल से होकर है । जंगल इतना सघन है की इसके बहुत से हिस्से में नीचे धूप नहीं पहुँच पाती और इसी कारण से पेड़ों के तने काई से भरे हुए थे । शुरू के दस किलोमीटर का रास्ता काफ़ी ख़राब था इसीलिए हमारा ध्यान सड़क पर ज्यादा था । पहाड़ी इलाकों में चढ़ाई से उतराई हमेशा ज्यादा ख़तरनाक होती है । चढ़ाई के समय तो केवल बाइक का ज्यादा जोर लग रहा था लेकिन उतराई में बैलेंस की ज्यादा दिक्कत थी । दोनों बाइक के इंजन बंद थे फिर भी बाइक 30-40 की स्पीड से नीचे  भाग रही थी । हर 50-60 मीटर के बाद ही ख़तरनाक मोड़ आ जाता था जिसके कारण बड़ी सावधानी से बाइक चलानी पड़ रही थी । अधिक ढलान होने से दोनो ब्रेक मारने पर भी बाइक जल्दी नहीं रूकती । लगभग पौने घंटे में हमने वो घटिया रास्ता पार किया ।उससे आगे सड़क बिलकुल नयी बनी थी । आप इस रास्ते की तुलना उखीमठ से चोपता जाने वाले मार्ग से कर सकते हैं ....घना जंगल ,ढेर सारी हरियाली और काई से भरे पेड़ों के तने।
प्रवेश द्वार



Friday, 16 September 2016

पराशर झील और बिजली महादेव यात्रा --पार्ट 1


पराशर झील ( Prashar Lake )
पिछले सप्ताह अपने मित्रों अमित तिवारी , बीनू कुकरेती और अन्य साथियों के साथ उधमपुर में कैलाश कुंड जाने का मेरा प्रोग्राम बनते बनते रह गया । जिसकी भरपाई 4 दिन बाद ही हिमाचल में पराशर झील और बिजली महादेव की यात्रा से की गयी ।
इस यात्रा में मेरे साथ मेरे सहकर्मी एवम् दोस्त सुखविंदर सिंह भी तैयार हो गए । चूँकि ये दोनों स्थान मुख्य सड़क से हटकर हैं , इन तक जाने के लिए लोकल बस या जीप लेनी पड़ती । उससे बचने के लिए हमने बाइक से ही चलने का निर्णय ले लिया । मेरे पास 2004 मोडल TVS विक्टर है और सुखविंदर के पास दो महीने पहले ही नयी खरीदी हुई सुपर स्पेलंडर थी । मेरी ये दूसरी लम्बी बाइक यात्रा थी । पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह हम दोनों ने चोपता , तुंगनाथ ,देवरिया ताल की यात्रा बाइक से की थी ।
पराशर झील