Thursday, 25 April 2019

A journey to Ayodhya -The Holy City

राम जन्मभूमि अयोध्या

पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि प्रयागराज कुम्भ में स्नान करने और दो दिन बिताने के बाद अगले दिन सुबह जल्दी से उठकर सब तैयार हो गए। आज हमें राम लल्ला के दर्शन हेतु राम जन्म भूमि अयोध्या जाना था । प्रयागराज से अयोध्या की सड़क मार्ग से दुरी लगभग 170 किमी है और लगभग पाँच घंटे सफ़र में लग ही जाते हैं, इसलिये सुबह-सुबह ही डाक्टर साहब से विदा ली और बस स्टैंड के लिए रवाना हो गए । कुम्भ क्षेत्र से ही हमें बस स्टैंड जाने के लिए एक ऑटो रिक्शा मिल गया और हम 15-20 मिनट में बस स्टैंड पहुँच गए । बस स्टैंड पहुँचकर सबसे पहले नाश्ते का काम निपटाया और फिर अयोध्या जाने वाली बस में सब सवार हो गए ।

तुलसी चौरा

Monday, 15 April 2019

Prayagraj Kumbh Mela 2019 : The Sacred Fair

प्रयागराज कुम्भ यात्रा-2019
आस्था, विश्वास, सौहार्द एवं संस्कृतियों के मिलन का पर्व है कुम्भ। ज्ञान, चेतना और उसका परस्पर मंथन कुम्भ मेले का वो आयाम है जो आदि काल से ही हिन्दू धर्मावलम्बियों की जागृत चेतना को बिना किसी आमन्त्रण के खींच कर ले आता है। कुम्भ पर्व किसी इतिहास निर्माण के दृष्टिकोण से नहीं शुरू हुआ था अपितु इसका इतिहास समय द्वारा स्वयं ही बना दिया गया। वैसे भी धार्मिक परम्पराएं हमेशा आस्था एवं विश्वास के आधार पर टिकती हैं न कि इतिहास पर। यह कहा जा सकता है कि कुम्भ जैसा विशालतम् मेला संस्कृतियों को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए ही आयोजित होता है। किसी उत्सव के आयोजन में भारी जनसम्पर्क अभियान, प्रोन्नयन गतिविधियां और अतिथियों को आमंत्रण प्रेषित किये जाने की आवश्यकता होती है, जबकि कुंभ विश्व में एक ऐसा पर्व है जहाँ कोई आमंत्रण अपेक्षित नहीं होता है तथापि करोड़ों तीर्थयात्री इस पवित्र पर्व को मनाने के लिये एकत्र होते हैं।