अमरनाथ यात्रा -Amarnath Yatra
वैसे तो मैं पहले भी दो बार अपने ब्लॉग पर
अमरनाथ यात्रा के बारे में लिख चूका हूँ –पहली बालताल रूट से (Baltal),दूसरी बार पहलगाम रूट से (Chandanwari) ,लेकिन दोनों बार इस
अंग्रेजी में ही लिखा। बहुत से मित्रों की ख़वाहिश है की मैं इसे एक बार फिर से लेकिन
हिंदी मैं लिखूं । इसलिये फिर से अमरनाथ यात्रा को लेकर हाज़िर हूँ । इस वर्ष भी
,अभी एक सप्ताह पहले ही बालताल रूट से अमरनाथ यात्रा करके आया हूँ लेकिन मेरे इस
लेख का आधार पिछली बार की गयी यात्रा रहेगी जिसमे दोनों रूट कवर हुए थे यानि हमने
पहलगाम से शुरू कर बालताल पर समाप्त किया था। यात्रा विवरण से पहले मैं इस यात्रा
के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साँझा करना चाहूँगा ।
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अमरनाथ गुफ़ा |
अन्य स्थानों से विपरीत अमरनाथ यात्रा ऐसी यात्रा नहीं जिसे जब आपका मन चाहे आप तब कर लें। यह पूरे वर्ष में लगभग 40 दिनों के लिये खुलती है । अमरनाथ यात्रा हर साल जून के आखिरी सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होती है और रक्षा बंधन के दिन इस यात्रा का समापन होता है । इस यात्रा पर जाने के लिये सभी यात्रियों का अपना पंजीकरण करवाना पड़ता है ।
अमरनाथ यात्रा के लिए 13 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को परमिट नहीं दिया जाता। साथ ही छह सप्ताह से अधिक गर्भवती महिला को यहां जाने की इजाजत नहीं है । यात्रियों को आवेदन के साथ अधिकृत डाक्टरों और संस्थानों से हासिल अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देना पड़ता है । इनकी जानकारी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध रहती है। आवेदन पत्र और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र का प्रारूप अधिकृत बैंक शाखाओं से या श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है ।
पंजीकरण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाता है । पंजीकरण सिर्फ़ पंजाब नेशनल बैंक ,जम्मू कश्मीर बैंक और YES बैंक की अधिकृत बैंक शाखाओं पर ही होता है। एक यात्रा परमिट पर केवल एक यात्री ही अमरनाथ यात्रा पर जा सकता है । बैंक शाखाओं को रूट कोटे के हिसाब से हर रोज के लिए परमिट जारी करने का कोटा दिया गया जाता है ।
अमरनाथ यात्रा पर जाने के भी दो रास्ते हैं। एक पहलगाम होकर और दूसरा सोनमर्ग बालताल से। पहलगाम के रास्ते गुफा तक की पैदल दुरी 34 किमी है तो वहीँ बालताल से मात्र 14 किमी । पंजीकरण के समय ही आपको ये बताना पड़ता है कि आप किस रास्ते से किस तिथि को जाना चाहते हैं ।
अमरनाथ यात्रा को उत्तर भारत की सबसे पवित्र तीर्थयात्रा माना जाता है। यात्रा के दौरान भारत की विविध परंपराओं, धर्मों और संस्कृतियों की झलक देखी जा सकती है। अमरनाथ यात्रा में शिव भक्तों को कड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। बेशक यह यात्रा थोड़ी कठिन है, लेकिन कश्मीर के मनोरम प्रकृति नजारों और धार्मिक तथा अध्यात्म का अनोखा पुट इससे जुड़ा है। रास्ते उबड़ - खाबड़ है, रास्ते में कभी बर्फ़ गिरने लग जाती है, कभी बारिश होने लगती है तो कभी बर्फीली हवाएं चलने लगती है। फिर भी भक्तों की आस्था और भक्ति इतनी मज़बूत होती है कि यह सारे कष्ट महसूस नहीं होते और बाबा अमरनाथ के दर्शनों के लिए एक अदृश्य शक्ति से खिंचे चले आते हैं। यह माना जाता है कि अगर तीर्थयात्री इस यात्रा को सच्ची श्रद्धा से पूरा कर तो वह भगवान शिव के साक्षात दर्शन पा सकते हैं। जून से लेकर अगस्त माह तक दर्शनों के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
देश के सभी कोनों से तीर्थयात्री रेल, बस या हवाई जहाज़ के जरिए आसानी से जम्मू पहुंच सकते हैं। श्रद्धालुओं की तीर्थयात्रा जम्मू से शुरू होती है क्योंकि अमरनाथ यात्रा के लिए पहला बेस कैंप जम्मू में ही है जहाँ से यात्रियों के लिए बालटाल व पहलगाम के लिए बसें और छोटे वाहन मिलते हैं। यह बेस कैंप भगवती नगर में है। इसे यात्री निवास भी कहते हैं यह काफी बड़ा बना हुआ है और एक साथ दो हजार यात्री यहाँ ठहर सकतें हैं। यात्री निवास के अंदर ही स्टेट रोडवेज़ काउंटर, मेडिकल सेंटर तथा एक कैंटीन भी है। यहाँ वो ही यात्री पहुँचते हैं जो जम्मू तक बस या ट्रेन से आते हैं और उनको बालटाल व पहलगाम के लिए बसें और छोटे वाहन यहॉ से मिल जाते हैं । अपने वाहनो से आने वालों को यहाँ आने की कोई आवश्यकता नही, वो सीधा उधमपुर के लिये निकल सकते हैं । रेलवे स्टेशन से भगवती नगर की दुरी लगभग चार किलोमीटर है और बस स्टैंड से लगभग दो किलोमीटर। दोनों जगह से यात्री निवास जाने के लिये सीधे ऑटो मिल जाते हैं ।
पहलगाम और बालटाल तक यात्री किसी भी सवारी से पहुंच सकते हैं , पहलगाम से चंदनवाड़ी तक लोकल टैक्सी चलती है । चंदनवाड़ी से आगे जाने के लिए ट्रैकिंग ही है । अशक्त या वृद्धों के लिए खच्चर ,पिठ्ठू और पालकी का प्रबंध किया जा सकता है। हालांकि पवित्र गुफा सिंध घाटी में सिंध नदी की एक सहायक नदी अमरगंगा (अमरावती) के पास स्थित है तथापि इस तक परम्परागत रूप से लिदर घाटी से ही पहुंचा जाता है। श्रद्धालु इस मार्ग पर दक्षिण कश्मीर में पहलगांव से होकर पवित्र गुफा पहुंचते हैं और चंदनवाड़ी, पिस्सू घाटी, शेषनाग और पंचतरणी से गुजरते हुए लगभग 34 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। पहलगाम से जाने वाले रास्ते को सरल और सुविधाजनक समझा जाता है।
एक और छोटा रास्ता श्रीनगर - लेह राजमार्ग पर स्थित बालताल से है। बालताल से अमरनाथ गुफा की दूरी केवल 14 किलोमीटर है और यह बहुत ही दुर्गम रास्ता है और भूस्खलन क्षेत्र होने से सुरक्षा की दृष्टि से भी संदिग्ध है। इसमें कुछ क्षेत्र सीधी चढ़ाई और गहरी ढलान वाले हैं। इसीलिए सरकार इस मार्ग को सुरक्षित नहीं मानती और अधिकतर यात्रियों को पहलगाम के रास्ते अमरनाथ जाने के लिए प्रेरित करती है लेकिन रोमांच और जोखिम लेने का शौक़ रखने वाले लोग इस मार्ग से यात्रा करना पसंद करते हैं। अतीत में यह मार्ग ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत में प्रयोग में आता था लेकिन कभी - कभी बर्फ़ के पिघलने के कारण इस मार्ग का प्रयोग असंभव हो जाता था। लेकिन समय के बीतने के साथ परिस्थितियों में सुधार हुआ है और दोनों ही मार्गों पर यात्रा काफ़ी आसान हो गई है।
श्री अमरनाथ तीर्थ यात्रियों के लिए जरुरी सलाह
- श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा दक्षिण कश्मीर में हिमालय में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ज्यादा ऊंचाई होने से वहां ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और हवा के कम दबाब के कारण बहुत से लोगों को एक तीव्र पर्वत बीमारी (एम्स) होने का डर रहता है ।
- अपनी यात्रा के लिए अपने साथ पर्याप्त मात्रा में गर्म वस्त्र,रेन कोट, बरसाती जूते ,टॉर्च , दस्ताने ,जैकेट आदि जरूर लेकर चलें। यह सभी वस्तुएं बहुत जरुरी हैं क्योंकि यहाँ मौसम का भरोसा नहीं किया जा सकता और कई बार खिली धूप अचानक बारिश और बर्फ का रूप ले लेती है और तापमान अचानक काफी गिर सकता है।
- आप के साथ यात्रा कर रहे सह यात्री को सभी आवश्यक मदद प्रदान करें।
- तत्काल राहत के लिए अपने साथ ग्लूकोज, डिस्प्रिन आदि कुछ सामान्य दवा रखें।
- यात्रा पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है एक स्थिर और धीमी गति बनायें रखें। तेज चलने से अधिक फायदा नहीं है, खरगोश और कछुआ की कहानी की शिक्षा यहाँ पूरी तरह लागू होती है
- अपनी जेब में अपना नाम, पता के साथ और साथी यात्री के नाम की एक पर्ची जरूर रखें।
- यात्रा के दौरान अपने साथ पानी की बोतल, सूखे मेवे और भुने हुए चने आपात काल के लिए जरूर रखें।
- ठंडी हवाओं से त्वचा की रक्षा करने के लिए आप के साथ कुछ कोल्ड क्रीम या वैसलीन रखें
- जम्मू कश्मीर में अन्य किसी भी राज्य का कोई भी प्रीपेड सिम काम नहीं करता ।इसलिए पोस्टपेड सिम लेकर ही जाएँ या आप यात्री निवास,जम्मू से वहीँ का प्रीपेड सिम भी ले सकते हैं जिसे यात्रा सिम भी कहते हैं। इस सिम की लिमिटेड वैधता होती है और जम्मू कश्मीर से बाहर निकलते ही स्वत ही बंद हो जाता है ।
इस भाग में अभी इतना ही । मिलते हैं जल्दी ही अगले भाग में यात्रा विवरण के साथ ...
तब तक आप इस यात्रा के कुछ चित्र देखें ।
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यात्रा रूट मैप |
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यात्री निवास |
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यात्री निवास |
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यात्री निवास |
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जम्मू से आगे |
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जम्मू से आगे |
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सोनमर्ग के पास |
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सोनमर्ग |
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यात्रा कॉन्वॉय |
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सिंध नदी |
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सिंध नदी |
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ट्रैकिंग पथ पर |
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संगम घाटी |
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गुफा की ओर |
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पंच तरणी घाटी |
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पंच तरणी घाटी |
बढिया जानकारी से भरपूर पोस्ट। जय बाबा बर्फानी
ReplyDeleteधन्यवाद त्यागी जी ।💐
Deleteधन्यवाद इतने बढ़िया विवरण देने के लिए, ये पोस्ट दूसरे लोगो को जो अमरनाथ जाना चाहे उनके बहुत काम आएगी, पर हम तो अगले साल आपको ही पकड़ेंगे
ReplyDeleteधन्यवाद सिन्हा जी ।💐 आपका स्वागत है अगली यात्रा में ।
Deleteबहुत बढ़िया सहगल साहेब .अनुभव बोल रहा है . जय भोले की .
ReplyDeleteधन्यवाद अजय जी ।💐 जय भोले की ।
Deleteबहुत बढ़िया पोस्ट !
ReplyDeleteजय बाबा बर्फानी
भूखे को अन्न, प्यासे को पानी ।
धन्यवाद पांडेय जी ।💐 जय बाबा बर्फानी ।
Deleteबहुत बढ़िया पोस्ट !
ReplyDeleteजय बाबा बर्फानी
भूखे को अन्न, प्यासे को पानी ।
जय बाबा अमरनाथ जी ....
ReplyDeleteसहगल जी, अमरनाथ जाने के सम्पूर्ण जानकारी यूक्त शानदार लेख...
लेख और चित्र बहुत अच्छे लगे ....
चन्दनबाड़ी और सोनमर्ग तक जा चुका हूँ... इससे आगे कब जाऊं देखते है
धन्यवाद रितेश जी ।💐 भोले नाथ का बुलावा आया तो आप भी जल्दी ही दर्शनों का शौभाग्य पाएंगे ।
Deleteबहुत बढ़िया जय भोले की
ReplyDeleteधन्यवाद विनोद जी ।💐
Deleteशानदार naresh bhai👍👍
ReplyDeleteधन्यवाद अजय जी ।💐
Deleteशानदार naresh bhai👍👍
ReplyDeleteधन्यवाद डॉ साहब ।।
Deleteजानकारी से परिपूर्ण सहगल साहब हमेशा ही तरह शानदार फोटो लिए हुए....
ReplyDeleteरही बात कठिनाइयों और श्रधा कि तो प्राकृतिक विषमताओं के साथ साथ आतंकवाद का जो साया साल दर साल इस यात्रा को ढकने और फीका करने की कोशिश करता है उसे धत्ता बताये हुए आज सुबह समाचारों में आंकड़े सुनकर बाबा के साथ साथ बाबा के भक्तों के प्रति "दिल से" नतमस्तक हो गए...
"इस साल जिस दिन से अमरनाथ में आतंकवादी हमला हुआ है, प्रतिदिन बाबा के दर्शनों को जाने वालों की संख्या में इजाफा ही हुआ है"
जय बाबा बर्फानी, भूखे तो अन्न प्यासे को पानी....
बम बम भोले...हर हर महादेव...
धन्यवाद कौशिक जी ।जय बाबा बर्फानी ।।💐💐
Deleteबहुत बढ़िया शुरुआत और शुरूआती जानकारी और अछि तयारी के साथ हर हर भोले...
ReplyDeleteधन्यवाद प्रतिक जी । जय भोले की ।।💐💐
Deleteशानदार लेख।
ReplyDeleteधन्यवाद बीनू भाई ।💐
Deleteबहुत ही खूबसूरत और ज्ञानवर्धक,और अध्याय भी जल्दी लिखिए सहगल जी
ReplyDeleteधन्यवाद मिश्रा जी ।।💐
DeleteNaresh bhai Ji aapki ye gyanvardhak jankari shyad mujhe agale saal kaam aayegi agar bhole nath ki kripa huyi to jai baba amarnath barfani
ReplyDeleteधन्यवाद उमेश भाई आपको पोस्ट पसन्द आई ।
Deleteजय बाबा बर्फानी
ReplyDeleteजय बाबा बर्फानी अनिल भाई .
ReplyDeleteशुरुआत अच्छी है , अमरनाथ यात्रा की बेसिक जानकारी बहुत लोगों के काम आएगा ! वास्तव में ब्लॉगिंग का यही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए कि उस जगह की सम्पूर्ण जानकारी पाठक को मिल जाए !! इस पैमाने पर खरा उतरता है आपका ब्लॉग नरेश जी !!
ReplyDeleteधन्यवाद योगी जी ।आभार ।।💐💐
Deleteबेहतरीन जानकारी...आपके कई सालो की बाबा के दर्शन को जाने की हर यात्रा के बाद आपके अनुभव आपने अच्छे से बाटे है...इससे बहुत लोगो को सही जानकारी मिलेगी
ReplyDeleteशानदार वर्णन नरेश,,बेठे बेठे अमरनाथ यात्रा करवा दी जय भोले भंडारी,,,,,
ReplyDeleteधन्यवाद दीदी. जय भोले भंडारी.
Deleteमेरे विचार से अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले हर नए यात्री को यह पोस्ट पढ़नी चाहिए ।
ReplyDeleteजय बाबा बर्फानी
धन्यवाद पाण्डेय जी . जय बाबा बर्फानी
Deleteअच्छी जानकारी चलय हम भी आपके साथ चलते ह
ReplyDeleteधन्यवाद अशोक जी . जय बाबा बर्फानी
DeleteAmarnath Yatra packages with Shri Vaishnov devi packages from Chennai, Coimbatore, Erode, Salem, Madurai, Namakkal, Tiruppur, Tirunelveli, Dindigul, Pondicherry, Vellore, Villuppuram, Trichy and many parts of Tamilnadu and Bangalore, Mysore, Mumbai, Pune etc.,
ReplyDeleteमुझे पसंद है कि आपने इस पोस्ट में सामग्री को व्यवस्थित किया है। यह बिना किसी असंख्याती और पाठक को लगातार रखता है। अमरनाथ यात्रा
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