Thursday 27 July 2017

Amarnath Yatra- Part 3: Pahalgam to Sheshnag

अमरनाथ यात्रा  ( Amarnath Yatra )
भाग 3 : पहलगाम से शेषनाग
पिछले भाग से आगे :

सुबह 6 बजे से पहले ही सब उठ चुके थे । दैनिक दिनचर्या से निर्वित हो सभी नाश्ते के लिए लंगर पर चले गए । हालांकि वहां 7-8 लंगर थे लेकिन सब पर काफी भीड़ थी । उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत के व्यंजन उपलब्ध थे । कुछ देर बाद सभी नाश्ता करके आ गए और यात्रा के लिए तैयार हो गए तब तक कैम्प के गेट खुल चुके थे ।सभी के पंजीकरण चेक करने के बाद ही जाने दिया जा रहा था । कैम्प  से बाहर निकलकर बाहर से चंदनवाड़ी के लिए लोकल गाड़ियाँ मिलती है । चंदनवाडी यहाँ से 16 किमी दूर है और वहां तक अच्छी सड़क बनी है । रास्तेमें ही बेताब वैली है जो पहलगाम का एक फेमस पर्यटन स्थल है ।
शेषनाग झील
वैसे तो यहाँ से चंदनवाड़ी तक का किराया मिनीबस में 70 रुपये है और सूमो/टवेरा आदि SUV में 100 रुपये लेकिन ज्यादा रश हो जाने से लोग दाम बड़ा भी देते हैं। हमने भी 8 लोगों के 1000 दिये और लगभग आधे घंटे में चंदनवाड़ी पहुंच गए ।चंदनवाडी पहुँचकर एक बार फिर से पूरी तलाशी ली जाती है । ट्रैक  पर बीड़ी, सिगरेट, गुटका आदि कुछ भी ले जाना मना है । यहां पर भी कई संस्थाओं के लंगर लगे है जो यात्रियों की सेवा में हरदम तत्पर रहते हैं ।  हमारा भंडारा जिससे हम पिछले 16 -17 साल से जुड़े है , भी यहीं पर हैं। हम सब सीधा वहीं पर गए ,मुलाकात की ,कुछ देर वहाँ रुके और फिर असल यात्रा यानी ट्रैकिंग के लिए निकल गए ।

चंदनवाडी से आगे पहला मुख्य पड़ाव पिस्सू घाटी है जो यहाँ से तीन किलोमीटर की दुरी पर है  जिसमे शुरू का एक किलोमीटर का रास्ता तो लगभग बिना चढाई के है जिसमे एक गलेशियर को पार करना पड़ता हैं लेकिन आगे के दो किलोमीटर एकदम ख़ड़ी चढ़ाई है । चंदनवाडी जहाँ 9500 फीट की ऊंचाई पर है वहीँ पिस्सू टॉप 11500 फीट की ऊंचाई पर। यानि दो किलोमीटर में 2 हज़ार फीट ऊंचाई । पिस्सू घाटी के बारे में कहा जाता है की एक बार भोले नाथ के दर्शन पहले कौन करे ,इस बात को लेकर देवताओं और दानवों में जम कर युद्ध हुआ था जहाँ दानवों की बुरी तरह हार हुई थी ।उन्ही की हड्डियों के ढेर से ये पिस्सू घाटी बनी।

यात्रा में अब हम आठ लोग हो गए थे । कोलकाता से शान्तनु पाठक @ दादा  ,और रामबन से साथ आये देवेंदर के मित्र कमल भी अब हमारे साथ थे । पिस्सू घाटी की ख़ड़ी चढ़ाई शुरू तो सबने साथ ही की थी लेकिन सभी धीरे धीरे आगे पीछे हो गए । कमल और सुखविंदर सबसे आगे थे और उनके पीछे मैं चल रहा था । हमें लगभग ढेड़ घंटा लग गया इस ख़ड़ी चढ़ाई को पूरा करने में । पिस्सू घाटी से आगे रास्ता पथरीला है लेकिन आसान ही है। यहाँ से 5.5 किलोमीटर आगे ज़ोज़िबाल पर अगला पड़ाव है ,वहां तक हलकी चढ़ाई उतराई चलती रहती है लेकिन महसूस नहीं होती । पिस्सू घाटी से आगे चलते ही देवेंदर और दादा ने घोड़े ले लिये और शेषनाग पर मिलने को कहकर आगे निकल गए ।

मेरा भतीजा उम्मीद के विपरीत काफी धीरे चल रहा था ,मैं उसके साथ ही था और बाकि सब लोग आगे जा चुके थे । धीरे -2 मेरे भतीजे की तबियत ख़राब होने लगी ।उसे तेज सर दर्द और बैचनी होने लगी । मैं समझ गया की यह AMS की लपेट में आ गया है । अगला मेडिकल कैंप ज़ोज़िबाल पर था । मैं उसे घोड़ा लेने को कहता रहा लेकिन वो नहीं माना ,बोला आपके साथ ही धीरे –धीरे चलता रहूँगा । ज़ोज़िबाल पहुंच कर उसे डाक्टर के पास ले गया और दवाई दिलवा दी और वहीँ आधा घंटा 4आराम करने को कह दिया । लेटते ही चन्दन सो गया और मैं भी वहीँ बैठकर आराम करने लगा । थोड़ी देर सोने के बाद चन्दन उठ बैठा । अब वो पहले से स्वस्थ लग रह था । मैंने कहा चल बेटा अब जल्दी से ,हम काफी पीछे रह चुके हैं बाकि सब साथी कब से आगे जा चुके हैं।

ज़ोज़िबाल से 2 किलोमीटर आगे नागाकोटि पर अगला पड़ाव है। यहाँ से हलकी उतराई है । मैं बार बार मोबाइल से अपने साथियों से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहा था ताकि वो कहाँ तक पहुंचे हैं ये पता लग सके लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण उनका नंबर नहीं मिल रहा था । पुरे रास्ते में कवरेज कहीं-2  है वो भी सिर्फ़ बीएसएनएल की । मैंने नागाकोटि पहुँच कर उन्हें लोकेशन और समय के साथ मेसेज कर दिया ताकि जब भी उन्हें मेसेज मिलेगा तो वो समझ जायेंगे की इस समय मैं कहाँ पर हूँ , इसने काम भी किया थोड़ी देर बस शुशील का मेसेज आ गया कि  वो और स्वर्ण हमसे सिर्फ़ 200 मीटर ही आगे थे । जल्दी ही हमने उनको पकड़ लिया और हम चारों साथ चलने लगे। नागाकोटि के बाद फिर से चढ़ाई शुरू हो जाती है लेकिन जयादा लंबी नहीं है । चढ़ाई ख़तम होते ही शेषनाग झील के दर्शन हो जाते हैं । 
     
शेषनाग झील 1.1 किलोमीटर लम्बी और 0.7 किलोमीटर चौड़ी है । अमरनाथ यात्रा में शेषनाग झील का धार्मिक महत्व है। सर्दियों में यह झील जम जाती है और यहां तक पहुचंना मुश्किल हो जाता है। इसके चारों ओर 14-15 हजार फीट ऊंचे पर्वत हैं। शेषनाग झील 3590 मीटर की ऊंचाई पर है और ट्रैक  से काफी नीचे घाटी में है। किंवदंतियों के अनुसार इस झील में शेषनाग का वास है और वे दिन में एक बार झील के बाहर दर्शन देते हैं परंतु यह दर्शन खुशनसीबों को ही प्राप्त होते हैं।

शेषनाग झील से आधा किलोमीटर आगे शेषनाग कैंप है ,जहाँ यात्री रात्रि विश्राम के लिये रुकते हैं । यहाँ हमें बाकि चार साथी भी मिल गए । कैंप में घुसने से पहले फिर से सबकी तलाशी ली गयी । यहाँ कैंप में रहने के लिये टेंट किराये पर मिलते हैं ।बड़े –बड़े टेंट होते हैं ,10 लोगों के लिये एक टेंट । टेंट वालों की यूनियन का एक आदमी पर्ची काट रहा था । मैंने उसे बोले की 8 लोगों के लिये टेंट चाहिए ।बोला पैसे तो 10 के लगेंगे ,आप दो यात्री और ले लो। हमें बड़ा गुस्सा आया अरे हम कहाँ से यात्री लायें ? तू 8 लोगों का पैसा ले और जब कोई और दो यात्री आयें उन्हें हमारे टेंट में भेज देना। लेकिन वो नहीं माना बोला पैसे 10 के ही लूँगा । मैंने कहा रुक अभी CRPF वालों को बुला कर लाता हूँ । जब मैं जाने लगा तो उसका एक साथी बोला अरे साहब उधर क्यूँ जाते हो, इधर आओ 8 के पैसे दो ।मैंने कहा देखो टेंट बढ़िया होना चाहिए और बिस्तर एकदम साफ़ ,रजाई भी नयी होनी चाहिए । बोला साहब आप पर्ची कटा लो और जो टेंट पसंद आये उसमे चले जाना । कोई नहीं रोकेगा ।
मैंने कहा ...य़ार तेरी शक्ल पर ध्यान न दें ,तो तू बन्दा समझदार लगता है ।

अच्छा सा टेंट देखकर हम सब उसमे चले गए और आराम करने लगे । मैं अपना कैमरा लेकर बाहर आ गया । सूर्यास्त होने को था और पीछे की तरफ बर्फ से ढंकी चोटी की तस्वीरें लेने लगा । यहाँ शेषनाग कैंप में खाने के लिये लंगर कैंप से बाहर थोड़ा आगे लगे हुए हैं । एक बार टेंट में लेटने के बाद किसी की भी हिम्मत नहीं थी की बिस्तर छोड़ कर 200 मीटर दूर बाहर खाने के लिये जाये । सभी की न जाने की इच्छा देखते हुए कमल ,सुशील के साथ जाकर वहीँ से सब के लिये दाल और रोटी ले आया । वैसे लंगर से ऐसे किसी को ले जाने नहीं देते लेकिन कमल खुद एक लंगर में पूर्ण-कालिक सेवादार था इसलिए उसे ले जाने दिया । टेंट में ही बैठकर हम सब ने खाना खाया और कमल को ढेर सारा धन्यवाद दिया और फ़िर सभी बिस्तर में सो गए  
  
आज की यात्रा के कुछ महत्व पूर्ण पड़ाव .
पहलगाम – 2350 मीटर पर .
चंदनवाडी -2900 मीटर पर. पहलगाम से 16 किमी आगे.सड़क मार्ग (समय 30-40 मिनट )
पिस्सू घाटी- 3505 मीटर पर. चंदनवाडी से 3 किमी आगे, ख़ड़ी चढ़ाई (समय 2 से 2.5 घंटे )  
ज़ोज़िबाल- 3567 मीटर पर. पिस्सू घाटी से 5.5 किलोमीटर आगे (समय 2.5 से 3 घंटे )  
नागाकोटि- 3510 मीटर पर. ज़ोज़िबाल से 2 किलोमीटर आगे, (समय 1 घंटा )

शेषनाग – 3720  मीटर पर. नागा कोटि से 2 किलोमीटर आगे  (समय 1 घंटा)

इस पोस्ट में इतना ही .जल्द मिलते हैं अगली पोस्ट में पंच तरणी तक की यात्रा में .

पिस्सू घाटी 
पिस्सू घाटी

पिस्सू घाटी से ज़ोज़िबाल के बीच 
  
चन्दन @ चिरंजीव 



ज़ोज़िबाल 














शेषनाग झील के पहले दर्शन 

शेषनाग झील
शेषनाग झील















47 comments:

  1. किराया लिखना, दूरी लिखना, आसपास के दर्शनीय स्थल, नेटवर्क ना होने पर मसेज छोड़ने वाला फार्मूला, दूरी, उंचाई, सब कुछ ज्ञान से भरा हुआ है पोस्ट में सहगल साहब. लिंक हर उस आदमी ने मार्क कर लिया होगा जिसके दिलो दिमाग में दूर भविष्य में भी कभी बाबा बर्फानी के दर्शनों की अभिलाषा होगी.
    शानदार फोटो, AS USUAL

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद कौशिक जी .कोशिश रहती है कि जितनी ज्यादा हो सके जानकारी सांझी करूँ .

      Delete
  2. जबरदस्त नरेश भाई व्रतांत पढ़ने मे मजा आ रहा है और वो शक्ल और समझदार वाला कमेंट पढ़ के लोट पोट हो रहा हु
    👍👍

    ReplyDelete
  3. और फोटो लाजवाब है👍

    ReplyDelete
    Replies
    1. फिर से धन्यवाद 💐

      Delete
  4. और फोटो लाजवाब है👍

    ReplyDelete
    Replies
    1. This comment has been removed by the author.

      Delete
  5. वाह बहुत बढ़िया पोस्ट है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद हर्षिता जी ।

      Delete
  6. सजीव वर्णन ,आपके साथ साथ प्रत्येक पाठक यात्रा कर रहा है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद योगेश जी । संपर्क बनाए रखिये ।💐

      Delete

  7. रोचक और जानकारी से परिपूर्ण पोस्ट , आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने सब कुछ विस्तार से बतया, दुरी की जानकारी, कौन सी जगह कितनी ऊंचाई पर स्थित है, यात्रा में लगने वाला समय सब कुछ बताया आपने। फोटो तो एक से बढ़कर एक नयनाभिराम है

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद अभयानंद जी ।जानकारी थी तो शेयर कर दी ।

      Delete
  8. बहुत ही सुन्दर वृतांत लिखा है आपने। फोटोग्राफी देखकर मज़ा आ गया। अगले भाग का इंतज़ार रहेगा।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद संदीप जी ।काफी समय बाद चक्कर लगा आपका इस तरफ ।💐

      Delete
  9. बहुत बढ़िया लिखते हैं आप और अमरनाथ यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियां इस वृतांत में मिल जायेगी.. अभी की यात्रा फिर सजीव हो उठी कही फोटो देखकर ऐसा लगा जैसे मैं भी वही था.. फोटोग्राफ एक से बढ़कर एक ..

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद नटवर भाई ।आप तो अभी 10 दिन पहले हो कर आये है सब फिर से सजीव हो गया होगा ।

      Delete
  10. Great writing, great photography. It seems I m also at the lake of Sheshnaag ji. Enjoyable post with lots of interest. Thanks for sharing. Jai Gauri Shankar ji ki💐💐

    ReplyDelete
  11. सुंदर फोटों है,,, पोस्ट से बडी जानकारी भी मिली। आप पर भोले की कृपा है जो लगभग हर साल बाबा के दर्शन कर आते हो, हमारा भी नम्बर लगवा दो बाबा के यहां

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद sachin जी ।अर्जी तो इस बार सबकी लगा कर आया हूँ ।

      Delete
  12. बेहतरीन तरीके से लिखा गया है और फोटो भी सभी बहुत अच्छी है, पिस्सू घाटी से जोजिबाल की फोटो तो शानदार हैं .

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद रचना जी ।💐

      Delete
  13. सुंदर लेख सहगल जी |

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद नितिन जी ।💐

      Delete
  14. जय भोलेनाथ।बहुत सुंदर लेख है सहगल साहब

    ReplyDelete
  15. जय भोले की...बहुत अच्छा लग रहा है पढ़ कर....एक से बढ़कर एक फोटो

    ReplyDelete
  16. Replies
    1. धन्यवाद तिवारी जी ।

      Delete
  17. JAi Baba Barfani Maza Aa Gaya Sehgal Bhai ji Padhkar Agle Episode Ka Intzar Rahega

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद जांगिड़ भाई ।💐

      Delete
  18. बाबा अमरनाथ जी पूर्ण जानकारी और चित्रों युक्त बेहतरीन पोस्ट .....

    जाया बाबा अमरनाथ जी की

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद रितेश जी ।

      Delete
  19. बढ़िया और जानकारी से भरा लेख ! नज़ारे बहुत सुन्दर हैं ! आपका भंडारा ? मतलब अम्बाला का भंडारा ? आप लोग संचालित करते हैं इसे ? अच्छा प्रयास है !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद योगी भाई . हमारा भंडारा मतलब हम इसके 1999 से सदस्य हैं इसका मुख्य ऑफिस कैथल में है .

      Delete
  20. वाह, जानकारी से भरपूर पोस्ट। बहुत खूब नरेश जी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्य्वाद बीनू भाई .

      Delete
  21. शानदार लेखन सर उपयोगी जानकारियो के साथ

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद महेश पालीवाल जी .

      Delete
  22. very informative blog, beautifully described

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद आशीष चावला जी .

      Delete
  23. This is really beautiful post. I really like this amazing post.

    ReplyDelete
  24. im just reaching out because i recently published .“No one appreciates the very special genius of your conversation as the
    dog does.
    (buy puppies online )
    (shih tzu puppies  )
    (buy puppie online )
    (buy puppies online )
    (shih tzu puppies  )

    ReplyDelete
  25. आपकी पोस्ट ने मुझे पर अलग तरीके से सोचने पर प्रेरित किया है। मैं उसे और गहराई से खोजने और देखने के लिए उत्साहित हूँ कि इसे अपने जीवन / कार्य में कैसे लागू कर सकता हूँ अमरनाथ यात्रा

    ReplyDelete