Vaishno Devi Yatra
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
उत्तर भारत में रहने वाले घुमक्कड़ी के शौक़ीन लोगों में से
शायद ही कोई ऐसा हो जो माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए कटरा न आया हो। भारत के
खूबसूरत जम्मू और कश्मीर राज्य की हसीन वादियों में उधमपुर ज़िले में कटरा से 12 किलोमीटर
की दूरी पर स्थित है ‘माता
वैष्णो देवी मंदिर’।
भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाली, उनके दुखों को हरने वाली, उन्हें संसार की सभी खुशियां
प्रदान करने वाली,
‘आदि शक्ति’ वैष्णो देवी माता का मंदिर हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध
मंदिरों में से एक है।
गुफ़ा में पिंडी रूप में विराजमान (बाएं से दायें) माँ सरस्वती ,माँ लक्ष्मी और माँ काली |
इस स्थान से मेरी कई यादें जुडी हुई हैं । मेरी घुमक्कड़ी
की शुरुआत यहीं से हुई थी ।जब स्कूल में पढ़ता था- शायद पाँचवी में, तब परिवार के
साथ पहली बार (रिश्तेदारी से बाहर ) यहीं घूमने आया था । जब अकेले घूमने शुरू किया
तब भी सबसे पहले यहीं आया था। पिछले कई सालों से मैं यहाँ प्रति वर्ष आ रहा हूँ ।
कभी अकेले ,कभी मित्रों के साथ तो कभी सपरिवार। माँ वैष्णो के आशीर्वाद से , अन्य
किसी भी स्थान के मुक़ाबले मैं यहाँ सबसे अधिक बार आया हूँ । मैं यहाँ अक्सर दिवाली
के आसपास आता हूँ ।क्योंकि उस समय त्योहारों का सीजन होने के कारण यहाँ भीड़ काफ़ी
कम मिलती है जिस से लाइन में घंटों खड़े नहीं रहना पड़ता ।
मुझे अम्बाला से यहाँ आने के लिए हेमकुंड एक्सप्रेस ट्रेन
बहुत सूट करती है ।रात 9:20 पर अम्बाला से चलती है और सुबह 5 बजे जम्मू पहुँच जाती
है ।अब तो यह ट्रेन आगे कटरा तक भी जाने लगी है जहाँ यह सुबह 6:30 पर पहुँचती है ।
जब भी मैं अकेला आता हूँ तो वापसी की ट्रेन में सीट रिज़र्व नहीं करवाता । मैं कटरा
से दरबार तक आना जाना एक ही दिन में करता हूँ और रात को जम्मू आकर जो भी ट्रेन
मिले उसी के जनरल डिब्बे में ऊपर की सीट पर सोकर सुबह तक अम्बाला वापसी कर लेता
हूँ ।क्योंकि अधिकतर गाड़ियाँ यहीं से खुलती हैं तो सीट आराम से मिल जाती है – ऑफ
सीजन में आने का यह भी एक कारण है । लेकिन जब परिवार साथ हो तो एक दिन में आना
जाना नहीं हो पाता ,दो दिन लगते हैं ।आने के साथ साथ वापसी की सीटें भी कन्फर्म
होती हैं ।
बहुत सी ट्रेन अभी भी जम्मू तक ही है जहाँ से कटरा की
दुरी लगभग 50 किलोमीटर है . जम्मू से कटरा के लिए हर 15 मिनट बाद बस मिल जाती है .
आप चाहें तो टैक्सी भी कर सकते हैं .पहाड़ी रास्ता होने के कारण यहाँ से कटरा
पहुंचने में लगभग ढेड़ घंटे का समय लग जाता है ।
पिछले साल नवम्बर
2015 में यहाँ सपरिवार ही आया था । घर से खाना खाकर जल्दी से तैयार हुए और ट्रेन
के समय से पूर्व ही रेलवे स्टेशन पहुँच गए । हेमकुंड एक्सप्रेस में रिजर्वेशन थी ।
गाडी समय से आई और समय से ही रवाना हो गयी । लुधियाना आते आते हम सब सो गए । सुबह
6:30 पर ट्रेन कटरा पहुँच गयी । पहली बार कटरा स्टेशन पर आये थे । काफ़ी बड़ा और साफ़
सुधरा बना है । सफ़ाई का एक कारण यहाँ काफ़ी कम ट्रेनों का आना जाना भी है ।
कटरा रेलवे स्टेशन पर भी यात्रा रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला
हुआ है जहाँ हमने अपनी पर्ची बनवा ली ।पहले एक ग्रुप की एक पर्ची बनती थी लेकिन अब
फोटो पर्ची बनने के कारण सभी यात्रियों की अलग अलग पर्ची बनती है। पर्ची बनने के
समय के छ: घंटे से पहले ही आपको बाण गंगा चेक पोस्ट पार करनी पड़ती है ।
स्टेशन पर साफ़ सुथरे शौचालय बने हुए हैं, हम सभी लोग वहीँ
रिफ्रेश हो लिए ।स्टेशन से बाहर आकर थोडा
चलने पर दायीं तरफ़ ऑटो स्टैंड है जहाँ से कटरा बस स्टैंड या सीधा बाण गंगा (दर्शन
डयोडी) तक के ऑटो मिल जाते हैं । हमने भी सीधा बाण गंगा के लिए एक ऑटो ले लिया।
ऑटो सिर्फ़ दर्शन डयोडी तक ही जा सकते हैं जो बाण गंगा से 250-300 मीटर
पहले ही है । दर्शन डयोडी पर सभी यात्रियों और उनके समान की पूरी तरह तलाशी ली
जाती है । तलाशी से निपटने के बाद थोड़ा आगे चलते ही घोड़ा /खच्चर स्टैंड है जहाँ से
आप यदि चाहें तो इन्हें बुक कर सकते हैं । इससे और थोड़ा आगे चलते ही चेक पोस्ट है
जहाँ आपकी यात्रा पर्ची चेक की जाती है ।यात्रा पर्ची के बिना आप यहाँ से आगे नहीं
जा सकते । यहाँ से बाण गंगा नजदीक ही है। पुल पार करते ही बायीं तरफ़ सीड़ियाँ
है जहाँ से नीचे की तरफ़ जाकर आप नदी में स्नान भी कर सकते हो । हमारी यहाँ स्नान
की कोई इच्छा नहीं थी । यहीं से चढाई शुरू हो जाती है ।शुरू में तो ये हलकी है और
ज्यादा महसूस नहीं होती लेकिन धीरे धीरे ये बढ़ने लगती है । यहाँ रास्ते के दोनों
तरफ दुकाने हैं ।लगभग दो किलोमीटर तक तो रास्ता ऐसे ही मार्किट से होकर गुजरता है ।हमने
भी बाण गंगा आकर सबसे पहले नाश्ता किया, चाय पी और फ़िर माँ का जय कारा लगाकर चढ़ाई
शुरू कर दी ।
अपने यात्रा संस्मरण से पहले मैं इस यात्रा के लिए कुछ
जरूरी बातें /सावधानियां शेयर करना चाहूँगा ।
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यात्रा पर जाने से पहले यात्रा
पर्ची जरूर बनवा ले । यह बस स्टैंड कटरा ,रेलवे स्टेशन कटरा स्तिथ काउंटर से बनती
है ।यह फ्री है ।आप इसे ऑनलाइन भी बनवा सकते हो ।
·
यात्रा पर्ची बनने के समय के छ:
घंटे के भीतर ही आपको बाण गंगा चेक पोस्ट पार करनी पड़ती है जो कटरा बस स्टैंड से 1.5
किलोमटर की दुरी पर है । देरी हो जाने पर दोबारा पर्ची बनवानी पड़ती है ।
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यदि आप अधकुवारी , सांझी छत या भवन
पर कमरा बुक करवाना चाहते हैं इसके लिए बुकिंग कटरा बस स्टैंड के पास बने निहारिका
भवन से ही होती है फ़ोन :
01991- 234053। ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध है ।
·
पिट्ठू ,खच्चर या पालकी करने से
पहले उनसे रेट तय कर ले ।उनका पहचान पत्र देखकर उनका पंजीकृत नंबर नोट कर लें।
·
यात्रा मार्ग पर विडियो कैमरा
(हैंडीकैम) वर्जित है ।
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कटरा में प्रशाद की बहुत से दुकाने
हैं जो आपको बुला बुला कर इसे खरीदने को बोलते हैं ।इनसे प्रशाद लेकर आपको सारे
रास्ते इसे उठा कर ले जाना पड़ता है । इससे बचें । दरबार पर श्राइन बोर्ड की तरफ से
प्रशाद की दुकानें हैं जहाँ न लाभ- न हानि के आधार पर प्रशाद बिकता है ।
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पूरे यात्रा मार्ग पर खाने पीने की
बहुत दुकानें हैं । इसलिए हल्का सामान लेकर चले और रास्ते का आनंद ले।
·
फौजी भाइयों ,उनके परिवार और
जानकारों के लिए बाण गंगा के पास से ही आर्मी पास की सुविधा है जिससे आप दरबार पर
लाइनों में लगने से बच सकते हैं ।
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अधकुवारी से आधा किलोमीटर पहले ही –जहाँ
से नया रास्ता कटता है , बैटरी वाली गाड़ी मिल जाती है जिसमें वरिष्ठ लोग, बीमार और
बच्चे जा सकते हैं । इसकी टिकट अधकुवारी से ही मिलती है ।
·
रात्रि विश्राम के लिए ,कमरों की
बुकिंग के अलावा , हिमकोटी , भवन , अधकुवारी और सांझीछत पर dormitory-type हाल
कमरे बने हैं जहाँ आप पहले आओ पहले पाओ के आधार पर निशुल्क रह सकते हैं ।
इस पोस्ट में अभी इतना ही । अगली पोस्ट में दरबार तक की यात्रा,
भैरों घाटी होते हुए कटरा वापसी और माँ
वैष्णो की कथा भी।.......तब तक के लिए जय माता दी .
दर्शन ड्योडी |
रेट लिस्ट |
कटरा रेलवे स्टेशन का बाहरी दृश्य |
कटरा रेलवे स्टेशन का बाहरी दृश्य |
स्टेशन का प्रवेश द्वार और प्रथम तल पर भोजनालय |
स्टेशन से पहाड़ नज़र आते हैं |
रेलवे प्लेटफोर्म |
रेलवे प्लेटफोर्म |
रेलवे प्लेटफोर्म |
नवरात्री के दिनों में वैष्णो देवी के दर्शन हो गए, वाह
ReplyDeleteधन्यवाद हर्षिता जी .जय माता दी .
Deleteआनन्द आ गया पढ़कर जय माता दी,ऐसा लग रहा जैसे हम माँ के दरबार में आपके साथ ही चल रहे हैं।उम्दा जानकारी सहगल साहब।
ReplyDeleteधन्यवाद रूपेश भाई .जय माता दी .
Deleteआनन्द आ गया पढ़कर जय माता दी,ऐसा लग रहा जैसे हम माँ के दरबार में आपके साथ ही चल रहे हैं।उम्दा जानकारी सहगल साहब।
ReplyDelete“शायद ही कोई ऐसा हो जो माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए कटरा न आया हो” ;) शुरुवात ही मेरे से :), फोटू देख के लग रहा है सहगल साहब वापसी की टिकेट गलत/जल्दी की करा दी...
ReplyDeleteजय माता दी...
आपकी और माता राणी की किरपा रही तो शीघ्र ही हम भी इक फोटू खिंचवायेंगे यही...
संजय जी आपकी मनोकामना इस बार अवश्य पूर्ण होगी। जय माता दी।
Deleteसंजय जी आपकी मनोकामना इस बार अवश्य पूर्ण होगी। जय माता दी।
Deleteकौशिक जी इत्तेफाक से आप इसमें फीट हो गए .लेकिन बात सच है .बहुत से लोग शुरुआत भी यहीं से करते हैं .जय माता दी .
Deleteजय माता दी। यात्रा से सम्बंधित बहुत सटीक जानकारी दी आपने आगे की पोस्ट का इंतज़ार रहेगा।
ReplyDeleteधन्यवाद त्यागी जी .जय माता दी .
Deleteजय माता दी। यात्रा से सम्बंधित बहुत सटीक जानकारी दी आपने आगे की पोस्ट का इंतज़ार रहेगा।
ReplyDeleteनरेश जी,नव रात्रि के पहले दिन आपकी पोस्ट पढ़कर बहुत अच्छा लगा और मुझे भी मेरी वैष्णो देवी की यात्रा याद आ गयी। बहुत ही अदभुत अनुभव होता है वहाँ जाकर। आप बहुत ही भाग्यशाली हैं जो माँ आपको हर साल अपने दर्शन को बुलाती हैं।आपकी अगली पोस्ट का बेसब्री से इंतजार रहेगा। जय माता दी।
ReplyDeleteधन्यवाद प्रतिमा जी .जय माता दी .अगली पोस्ट जल्दी ही
Deleteबहुत खूब....जय माता दी।
ReplyDeleteधन्यवाद बीनू जी .जय माता दी .
Deleteजय हो
ReplyDeleteधन्यवाद जी .जय माता दी .
Deleteबहुत बढ़िया लिखा है
ReplyDeleteजी बुआ जी आपने ठीक कहा . यहाँ जाकर मन नहीं भरता .
Deleteबहुत बढ़िया। मैँ खुद 5 बार गई हूँ पर मन है की भरता ही नहीं है । जबसे कटरा स्टेशन बना है तबसे दिल की यही ख्वाहिश है की एक बार फिर से दर्शन करने जाऊ।
ReplyDeleteआपने बहुत सी नई जानकारी दी है जो भविष्य में काम आयेगी , देखते है माता का बुलावा कब आता है। जय माता दी ।
Very nice post. May Goddess DURGA blessed u always. Jai Mata Di.
ReplyDeleteधन्यवाद जी .जय माता दी .
DeleteNice post with good information.
ReplyDeleteधन्यवाद जी .जय माता दी .
Deletebahut hi sundar jankari di hai aap ne... kaya railway station pe rahane ki suvidha ke bare me jankari ho to plz... dena.
ReplyDeleteधन्यवाद पुरोहित जी .कटरा पर रुकने के बारे में मुझे मालूम नहीं है .क्षमा चाहता हूँ .
Deleteबहुत बढ़िया सहगल साहब।
ReplyDeleteधन्यवाद राम भाई .
Deleteजय माता दी ....
ReplyDeleteनरेश जी....मैंने भी अपनी पहली व् दूसरी यात्रा माता वैष्णो देवी जी की ही की थी..... |
अब सात-आठ बार दर्शन कर चुका हु....पर अब काफी सालो से माता के दर्शन नही हो पाया हैं....|
आपकी ये यात्रा पोस्ट अच्छी लगी और वहां के वर्तमान रूप रेखा मन खिच गयी...|
कटरा स्टेशन बनने से यात्रियों को अब काफी लाभ होने वाला है ...
अच्छे चित्र ...
धन्यवाद रितेश जी .इस बार आप भी साथ चलो 5 नवम्बर को .
Deleteवाह , बहुत सुन्दर यात्रा वर्णन सहगल जी ! कटरा का स्टेशन भारतीय रेलवे की नयी पहिचान गढ़ रहा है ! जय माता दी
ReplyDeleteधन्यवाद योगी जी .
Deleteआपने इस बारे में एक रोचक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया है। मुझे आपकी विचारधारा पसंद आई है। मेरा यह लेख भी पढ़ें वैष्णो देवी के आस पास घूमने की जगह
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