Friday, 28 September 2018

Gujrat Yatra : Dwarkadhish Temple - Dwarka

गुजरात यात्रा – द्वारिकाधीश मंदिर, द्वारका

मेघश्यामं पीतकौशेयवासं श्रीवत्साङ्कं कौस्तुभोद्भासिताङ्गम् ।
पुण्योपेतं पुण्डरीकायताक्षं विष्णुं वन्दे सर्वलोकैकनाथम् ॥
मेघ समान रंग वाले, पीले रेशमी पीताम्बर धारण किए, श्रीवत्स के चिह्नवाले, कौस्तुभमणि से सुशोभित अंग वाले, पुण्य करने वाले, कमल समान लंबी आंख वाले सर्वलोक के एकमात्र स्वामी भगवान श्रीद्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण को मैं नमस्कार करता हूँ ।

Dwarkadhish Temple

Saturday, 15 September 2018

Gangotri Yatra : Gangotri Dham and Vishwanath Temple Uttarkashi

                    यमुनोत्री – गंगोत्री यात्रा ( Gangotri Temple )

गंगोत्री यात्रा -2 :
पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि सुबह 6 बजे उत्तरकाशी से बस पकड़ गंगोरी, भटवारी, गंगनानी और फिर हर्षिल ,लंका और भैरों घाटी होते हुए लगभग 6 घंटे की यात्रा के बाद मैं 12 बजे गंगोत्री पहुँच गया । अब उससे आगे ..

गंगोत्री पहुँचते ही बस के परिचालक ने घोषणा कर दी कि यही बस दोपहर 2:00 बजे यहाँ से उत्तरकाशी वापिस जाएगी जिसको वापिस जाना हो 2:00 बजे तक बस में सवार हो जाये । मंदिर में दर्शन और पूजा पाठ के लिए दो घंटे कम नहीं थे । बस पार्किंग से गंगोत्री का मंदिर लगभग 300 मीटर दूर है,10-12 फीट चौड़ा रास्ता है और रास्ते के दोनों तरफ एक छोटा सा बाजार है जहाँ खाने पीने की दुकाने और पूजा सामग्री का सामान मिलता है।

Gangotri Temple

Tuesday, 11 September 2018

Gangotri Yatra - Part 1 : Uttarkashi to Gangtori

यमुनोत्री – गंगोत्री यात्रा ( Gangotri Yatra )


गंगोत्री यात्रा -1

पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि सुबह 6 बजे जानकी चट्टी से निकल कर ट्रेक करते हुए 9 बजे यमुनोत्री पहुँच गए। मंदिर में दर्शन के बाद जानकी चट्टी वापसी की ,वहाँ से जीप द्वारा बडकोट वापिस आये और फ़िर शाम चार बजे बडकोट से उत्तरकाशी की बस पकड ली। अब उससे आगे …..

बडकोट से उत्तरकाशी का रास्ता बेहद खूबसूरत है । कोटद्वार वाले रास्ते की याद आ गयी । सड़क के दोनों तरफ चीड़ का घना जंगल है । जब सड़क के किनारे लम्बे- लम्बे चीड़ के पेड़ खड़े हों तो ये एक सुन्दर मनभावन दृश्य तो उत्पन्न करते ही हैं , खाई और सड़क के बीच में एक दीवार का काम करते हुए मन में एक सुरक्षा का भाव भी कराते हैं। रास्ते में कई छोटे -2 गाँव पड़ते हैं , शाम का समय था , नौकरी पेशा लोग छुट्टी के बाद बस का इंतजार करते हुए खड़े मिलते । बस सभी जगह रूकती , कुछ सवारी चढ़ती , कुछ उतरती बस फिर आगे अपनी मंजिल की और चल पड़ती । सफ़र बढ़िया कट रहा था लेकिन धरासू पहुंचकर मेरे साथ एक मजेदार-यादगार किस्सा घटित हुआ ।

हर्षिल और भगीरथी

Wednesday, 5 September 2018

Yamunotri Yatra : Janki chatti to Yamunotri


यमुनोत्री – गंगोत्री यात्रा (Yamunotri Temple)

यमुनोत्री यात्रा पार्ट 2 : बड़कोट यमुनोत्री बड़कोट

पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा किस तरह सुबह 6 बजे घर से निकल कर , बस के लिए भाग दौड़ और फिर सीट के लिए नोक-झोंक के बाद आखिरकार शाम 6 बजे बड़कोट पहुँच गया। बड़कोट ,दिल्ली यमुनोत्री हाईवे पर एक छोटा नगर है । मुख्य बाज़ार इसी सड़क के दोनों तरफ बना है । इसी सड़क पर एक जगह बस स्टॉप है, कोई अलग से बस स्टैंड नहीं है। मैं बस से उतर कर सीधा आगे की तरफ चला गया और टैक्सी स्टैंड पर पहुँच गया । वहाँ चार पाँच जीप खड़ी थी । मालूम हुआ कि जानकी चट्टी के लिए शेयर्ड जीप यहीं से जाएगी । यमुनोत्री जाने के लिए सड़क मार्ग जानकी-चट्टी तक ही है । उससे आगे लगभग 6 किलोमीटर का ट्रेक है ।

यमुनोत्री मंदिर